औरत छटपटाकर काली का सा भयंकर रूप धारण कर लेती है और आगे जो कुछ होता है वह इस सूक्ति के माध्यम से फलागम को प्राप्त करता है-स्त्री जब तक बकरे की तरह सब कुछ सहती रहेगी, यह अत्याचार बंद नहीं होगा इसीलिए अपनी समस्या को सुलझाने के लिए, अपने अस्तित्व की रक्षा करने के लिए स्त्री को साँप की तरह फुफकारना पड़ेगा, बाघ की तरह पंजा मारना पड़ेगा, जरूरत पड़ने पर काली का रूप लेना पड़ेगा।