| 21. | तुझमें नज़र आए खुदा तेरी करूँ मैं बंदगी
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| 22. | पूर्वाह्न इश्क़ बंदगी भी हो जाए, कम हैं,
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| 23. | कि यूँ डूबकर लिखी के हुई बंदगी गज़ल
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| 24. | और न जाना हर्फ़ कोई बंदगी सा...
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| 25. | मेरी भी बंदगी शिकवों में बयाँ होती है
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| 26. | क्यों भटक गयी मेरी बंदगी तुझी को पता
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| 27. | अपराह्न इश्क़ बंदगी भी हो जाए, कम हैं,
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| 28. | जिन्दगी को बंदगी समझ के तू काम कर
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| 29. | पर फ़र्ज़ बंदगी का अदा कर चले गये
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| 30. | यह खून वह बंदगी, कहुं क्यों खुशी खुदाय।।
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