| 21. | 42. चंदन ये नाहिल पुवायाँ (जिला शाहजहाँपुर) के रहनेवाले बंदीजन थे और गौड़
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| 22. | बेनी ये असनी के बंदीजन थे और संवत् 1700 के आसपास विद्यमान थे।
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| 23. | इसके अंतर्गत चारण के उपरांत ब्रह्मभट्ट और अन्य बंदीजन कवि भी आते हैं।
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| 24. | खुमान बंदीजन थे और चरखारी, बुंदेलखंड के 'महाराज विक्रमसाहि' के यहाँ रहते थे।
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| 25. | बंदीजन खग-वृन्द, शेषफन सिंहासन है॥ करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेष की।
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| 26. | 39. खुमान, ये बंदीजन थे और चरखारी (बुंदेलखंड) के महाराज विक्रमसाहि के
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| 27. | इसके अंतर्गत चारण के उपरांत ब्रह्मभट्ट और अन्य बंदीजन कवि भी आते हैं।
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| 28. | बैताल ये जाति के बंदीजन थे और राजा विक्रमसाहि की सभा में रहते थे।
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| 29. | थान कवि चंदन बंदीजन के भानजे थे और डौंड़ियाखेरे, ज़िला रायबरेली में रहते थे।
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| 30. | बैताल ये जाति के बंदीजन थे और राजा विक्रमसाहि की सभा में रहते थे।
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