यह बगुलाभगत अपने स्वार्थ की माला जपना कब बंद करेगा? दिमागी गुलामी और नकल से भारत का छुटकारा कब होगा? इसकी पहल जनता को ही करनी होगी।
22.
वरना, समाज और सरकार को कलंकित करने वाले नामधारी जैसे दर्जनों लोगों को संवैधानिक पदों से नवाजने वाले ये बगुलाभगत भारतीय लोकतंत्र को ध्वस्त करने के कारण बन जायेंगे।
23.
मायावती का खुले जलसे में नोटों की माला पहनना उन राजनीतिक दलों के मुँह पर तमाचा है जो विभिन्न स्वार्थों से चोरी-छिपे पैसे लेते हैं और जनता के बीच बगुलाभगत बनने का नाटक करते हैं.