इसके बाद मैं इस बारे में सिर्फ इसके कि मैंने उस स्टोरी में एक सवाल बड़ी शिद्दत से उठाया था कि अदालत ने जब ये मान लिया कि रूचिका के भाई के खिलाफ दर्ज दर्जन भर कार चोरी के मामले झूठे है तो इस एफआईआर को दर्ज करने वाले पुलिस वाले उसमें बयान देने वाला आईओ बरामदगी करने वाली पुलिस पार्टी और कोर्ट में खड़े होकर झूठ बोलने वाले पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया जाता।