इससे आगे, बहुपत्नीत्व का यह इस्लामी प्रावधान स्वयं पति के शील, सज्जनता, सदाचरण तथा नैतिक अस्तित्व के लिए एक शुभ तंत्र है।
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इसके बाद सामाजिक विकासक्रम में यूथ विवाह (कई पुरुषों, और कई स्त्रियों का सामूहिक रूप से पति पत्नी होना), बहुपतित्व, बहुपत्नीत्व और एकपत्नीत्व या एकपतित्व की अवस्था आई।
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इसके बाद सामाजिक विकासक्रम में यूथ विवाह (कई पुरुषों, और कई स्त्रियों का सामूहिक रूप से पति पत्नी होना), बहुपतित्व, बहुपत्नीत्व और एकपत्नीत्व या एकपतित्व की अवस्था आई।
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इस्लाम ऐसी असाधारण / आपात परिस्थिति में बहुपत्नीत्व का विकल्प खुला रखकर बेसहारा विधवाओं को सामाजिक, आर्थिक, एवं मानसिक उत्पीड़न तथा यौन-शोषण से बचा लेता है।
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आजके अनेक चिंतक कह सकते हैं कि उस समय के वे सारे छोटे-बड़े मूल्य-बहुपत्नीत्व, बहुपतित्व, परिवेदन, नियोग, स्वयंवर, हरण-अपहरण तथा चितारोहण इत्यादि-आज उतने प्रासंगिक नहीं हैं।
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आजके अनेक चिंतक कह सकते हैं कि उस समय के वे सारे छोटे-बड़े मूल्य-बहुपत्नीत्व, बहुपतित्व, परिवेदन, नियोग, स्वयंवर, हरण-अपहरण तथा चितारोहण इत्यादि-आज उतने प्रासंगिक नहीं हैं।
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४ में पत्नी की यह हार्दिक अभिलाषा व्यक्त की गई है कि ” तुम केवल मेरे हो अन्य स्त्रियों की चर्चा भी न करो | ” इससे अधिक बहुपत्नीत्व का निषेध क्या होगा?
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अथर्ववेद ७।३८।४ में पत्नी की यह हार्दिक अभिलाषा व्यक्त की गई है कि ” तुम केवल मेरे हो अन्य स्त्रियों की चर्चा भी न करो | ” इससे अधिक बहुपत्नीत्व का निषेध क्या होगा?
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ऐसे ही स्त्रियों को वश में करने वाला मम्बो-जम्बो है, जो जंगल से आता है, परंतु इस्लाम के असर से और खासतौर पर नाइजीरिया जैसे मुल्क में बहुपत्नीत्व के आम होने से वह ‘हैट लगाकर आने वाला एक नृशंस दंडनायक' हो जाता है।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कई मुस्लिम देशों जैसे तुर्की और ट्यूनीशिया, जहाँ बहुपत्नीत्व पर प्रतिबंध है, वहीं मिस्र, सीरिया, जॉर्डन, इराक़, यमन, मोरोक्को, पाकिस्तान और बांगलादेश में दूसरी शादी प्रशासन या अदालत के अधीन है.