प्रश्न-साहित्य और साहित्यकार की जब बात आती है तो यह बात उठाना लाजिमी है की आखिर साहित्य पीढ़ी दर पीढ़ी क्यों पढ़ जाay?
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हासिल और अन्य कहानियां की तमाम कहानियों पर कोई भी टिप्पणी करने से पूर्व संग्रह की मात्र एक कहानी से बात उठाना ज्यादा सार्थक होगा।
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किसी के निजी विचार उसके स्वयँ के द्वारा सार्वजनिक किये जाने पर, उस पर बहस या चर्चा के अधिकार की बात उठाना अप्रासँगिक है ।
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एक बार मैं पहले के समय की बात उठाना चाहूंगी की पहले क्या वो लोग युवा नहीं थे जो बिना फूहड़ता भरी फिल्में पसंद किया करते थे..
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और दूसरा वही समतावादी तर्क था कि इंसान को बांटा क्यों जा रहा है, मर्द औरत की बात उठाना बेबात शांति भंग करना है विवाद उठाना है।
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एक बार मैं पहले के समय की बात उठाना चाहूंगी की पहले क्या वो लोग युवा नहीं थे जो बिना फूहड़ता भरी फिल्में पसंद किया करते थे..
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मदरसों को सीबीएसई का सर्टीफिकेशन दिलवाना, आंध्रप्रदेश में किसी एक धर्म के नाम पर आरक्षण की बात उठाना क्या ये साम्प्रदायिकता में नहीं आता है?
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और दूसरा वही समतावादी तर्क था कि इंसान को बांटा क् यों जा रहा है, मर्द औरत की बात उठाना बेबात शांति भंग करना है विवाद उठाना है।
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आज हर ओर जाति की संकीर्ण राजनीति करने वाले अपनी चिल्ल-पों मचाकर धर्मनिरपेक्षता के पहरेदार बने हुए है, इसमें धर्म की बात उठाना ही साम्प्रदायिक बना देने के लिए काफी है।
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आज हर ओर जाति की संकीर्ण राजनीति करने वाले अपनी चिल्ल-पों मचाकर धर्मनिरपेक्षता के पहरेदार बने हुए है, इसमें धर्म की बात उठाना ही साम्प्रदायिक बना देने के लिए काफी है।