| 21. | बाह्य जगत् व उसकी समस्त गतिवि धियों से वह कट जाता है।
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| 22. | बाह्य जगत् की नित्यता का अटूट सम्बन्ध अन्तर्जगत् की नित्यता से है ।
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| 23. | बाह्य जगत् के नाना रूपों के प्रत्यक्षीकरण में भी हमने उन्हें तत्पर पाया।
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| 24. | बाह्य जगत् की नित्यता का अटूट सम्बन्ध अन्तर्जगत् की नित्यता से है ।
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| 25. | बाह्य जगत् और अन्तर्जगत् के तीनोें लोकों में ॐकार अर्थात् परमेश्वर सर्वव्याप्त है ।
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| 26. | ये बाह्य जगत् तथा अंतर्जगत् की अवधारणा में परात्पर एवं घनिष्ठ संबंध मानते हैं।
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| 27. | पाँच कार्मेन्द्रियाँ हैं, जिनका सम्बन्ध बाह्य जगत् के व्यवहार से अधिक रहता है।
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| 28. | बाह्य जगत् (मानसिक) विचार पर निर्भर नहीं है, यह स्वतंत्र है।
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| 29. | ये बाह्य जगत् तथा अंतर्जगत् की अवधारणा में परात्पर एवं घनिष्ठ संबंध मानते हैं।
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| 30. | ' बाह्य जगत् और अन्तर्जगत् के तीनों लोकों में ॐकार अर्थात् परमेश्वर सर्वव्याप्त है ।।
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