मुझे और भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) को जानना चाहते हैं तो कृपया निम्न विवरण को धैर्यपूर्वक और बिना पूर्वाग्रह के पढें।
22.
यदि विमर्श बिना पूर्वाग्रह के होगा तब सार्थक होगा, लेकिन आज राजनैतिक पूर्वाग्रह से लिखने वाले बहुत हैं इसलिए भी कुछ लोग दूर हो गए हैं।
23.
यदि प्रवक्ता डॉट कॉम पर टिप्पणी करने वाले कुछ पाठकों को संविधान की परिधि में रहकर, न्यायसंगत और बिना पूर्वाग्रह के निष्पक्षतापूर्वक विचार व्यक्त करने की समझ नहीं है!
24.
यह क्षतिपूर्ति की राषि सिविल दावे आदि द्वारा कार्यवाही के बिना पूर्वाग्रह के है और अंतिम क्षतिपूर्ति प्रकरण के तथ्यों पर निर्भर करेगी जिसके लिए कोई सुनिष्चित फार्मूला नहीं दिया जा सकता।
25.
श्रीमती गांधी ने ऐसा क् यों किया? लेकिन धर्मनिरपेक्षता शब् द के साथ धर्म भी जुड़ा है अत: आइए बिना पूर्वाग्रह के इस ओर राष्ट्र के हित में एक दृष्टि डालें।
26.
धर्म कोई भी हो बिना तलवारों के उसका प्रसार नहीं हुआ चाहे वह इस्लाम हो, बौद्ध हो या जैन. एक अच्छी पुस्तक चर्चा....लेकिन इस्लाम का बिना पूर्वाग्रह के अध्ययन हो तभी इस्लाम के बारे मे जान पायेंगे.
27.
-सब कुछ मौजूद है, वैदिक साहित्य में, आवश्यकता है स्वयं को पहचानने की, जानने की, मानने की, श्रृद्धा की-उस पर खोज-विचार करने की, विज्ञान-दर्शन-धर्म के समन्वित रूप को बिना पूर्वाग्रह के ग्रहण करने की ।
28.
स्नेही पाण्डेय जी, आपके लेखन और विचार प्रवाह से सभी प्रभावित हैं और उस पर आप हमारे विचारों पर भी बिना पूर्वाग्रह के अपनी राय देते रहे हैं इसीलिए आप हमारे अत्यंत करीब हैं| ज्यादातर जागरण ब्लॉग के सदस्य पाठकों टिप्पड़ी का जवाब नहीं देते इसीलिए पाठक भी उनसे कन्नी काटते हैं| आपके साथ ऐसा नहीं होने वाला| आगे भी हम आपके लेखों की प्रतीक्षा करेंगे|
29.
अतः मैं न्याय के तकाजे के लिए आपसे यह निवेदन करती हूँ कि कृपया न्याय की मूलभूत अवधारणा तथा उपरोक्त वर्णित तथ्यों के दृष्टिगत इस मामले में सभी पक्षों को न्याय देने की शासन की अनिवार्यता के तहत ये जांच पुलिस विभाग से अलग किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी से कराये जाएँ ताकि कथित दोषी पुलिसकर्मियों के सम्बन्ध में बिना पूर्वाग्रह के निष्पक्ष और न्यायपरक कार्यवाही हो सके.
30.
स्नेही पाण्डेय जी, आपके लेखन और विचार प्रवाह से सभी प्रभावित हैं और उस पर आप हमारे विचारों पर भी बिना पूर्वाग्रह के अपनी राय देते रहे हैं इसीलिए आप हमारे अत्यंत करीब हैं | ज्यादातर जागरण ब्लॉग के सदस्य पाठकों टिप्पड़ी का जवाब नहीं देते इसीलिए पाठक भी उनसे कन्नी काटते हैं | आपके साथ ऐसा नहीं होने वाला | आगे भी हम आपके लेखों की प्रतीक्षा करेंगे | शुभम-मंगलम!