| 21. | जैसे-1. भँवरा फूलों पर मँडरा रहा है।
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| 22. | ‘उपेक्षित भँवरा ' शीर्षक कविता में नूतन कल्पना दृष्टव्य है।
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| 23. | (4) भँवरा फूलों का रस पीता है।
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| 24. | भँवरा का मन खूब नरम हो गया।
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| 25. | कली छोड़कर फूल से, करता भँवरा प्रीत.
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| 26. | वैसे असली भँवरा तो हर जगह मडराता है जी।
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| 27. | मन भँवरा तहँ लुबधिया, जानैगा जन कोइ ।।
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| 28. | मौत की खिलती कली पर, भँवरा बन जो गुनगुनाये
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| 29. | ल: ज़रा देखो सजन बेईमान भँवरा कैसे मुसकाये म:
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| 30. | (4) भँवरा फूलों का रस पीता है।
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