| 21. | भगण की परिभाषा के अनुसार बुध और शुक्र की मध्यम गति सूर्य के समान ही मानी गई है।
|
| 22. | (६) सवैया इस छन्द के प्रत्येक चरण में सात भगण और दो गुरु वर्ण होते हैं।
|
| 23. | भगण की परिभाषा के अनुसार बुध और शुक्र की मध्यम गति सूर्य के समान ही मानी गई है।
|
| 24. | इसमें मर्यादा यह है कि छन्द के प्रत्येक चरण में भगण S I I की मर्यादा को निभाया गया है।
|
| 25. | (काव्यशास्त्र) एक वर्णवृत्त (छंद), जिसके प्रत्येक चरण में आठ-आठ भगण होते हैं 3. व्यापारी।
|
| 26. | प्रत्येक ग्रह अपने भगण काल या परिभ्रमण के समय पत्रिका के बारह में से किसी न किसी भाव में होता है।
|
| 27. | प्रत्येक ग्रह अपने भगण काल या परिभ्रमण के समय पत्रिका के बारह में से किसी न किसी भाव में होता है।
|
| 28. | पंक्तियों में भगण का ही प्रयोग करना है याने कि शब्दों का चयन ऐसा हो कि क्रम से गुरु|लघु|लघु मात्राएँ ही आयें।
|
| 29. | (छंदशास्त्र) तीन वर्णों का वर्ग एवं समूह, जैसे-जगण ; तगण ; नगण ; भगण ; यगण और सगण आदि।
|
| 30. | द्रुतविलम्बितमाहो नभौ भरौ अर्थात् द्रुतविलम्बित छ्न्द के प्रत्येक चरण में नगण, भगण, भगण और रगण के क्रम से 12 वर्ण होते हैं ।
|