अन्ना और उनकी टीम का भ्रस्टाचार निरोधक आंदोलन शुरू से ही दूरदृष्टि और भविष्यगामी योजनाओं से विहीन रहा है, अन्ना को चाहिए कि छुआ छूत से मुक्त हो कर गाँव मे बसने वाले हिन्दू राष्ट्र कि वास्तविकता से सार्वजनिक स्तर पर सहमति जाहीर करते हुए बाबा रामदेव कि शरण में चले जावें, चाहें तो अपनी नाक ऊंची रखने उनका सहयोगी बनने का अभिनय भी कर सकते हैं ।