कमजोर प्रतिक्रिया वाले भारी कण) कणो मे का द्रव्यमान होता है और ये कण साधारण कणो से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा प्रतिक्रिया करते है लेकिन साधारण पदार्थ के आरपार निकल जाते है।
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यह एक भारी कण है और इसकी परिकल्पना राबर्त ब्राउट, फ्रैंकोइस एन्गलेर्ट, पीटर हिग्स, गेराल्ड गुराल्निक, सी आर हेगन तथा टाम कीब्ल ने १९६४ मे सममिती विखंण्डन के शोधपत्र मे की था।
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राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) के मुताबिक गंगा नदी में भारी कण, जहरीले रसायनों को जिस प्रकार से फेंका जा रहा है उससे इसका पानी जहरीला होता जा रहा है।
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अतएव जब क्वार्क तथा प्रतिक्वार्क टकराते हैं तब अधिकांश पदार्थ तो ऊर्जा में बदल जाता है, किन्तु थोड़ा सा क्वार्क बच जाता है, जो ‘हेड्रान' में बदल कर प्रोटान जैसा भारी कण बनता है।
25.
उत्तरी मैदान की मिट्टी ज़्यादातर नई कछारी मिट्टी है, जिसमें बूढ़ी गंडक नदी के पश्चिम में खड़ियायुक्त व हल्की कण वाली (ज़्यादातर दोमट बलुई) और पूर्व में खड़ियामुक्त व भारी कण वाली (दोमट चिकनी) मिट्टी है।
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२. एनीहिलेशन (सान्द्रीकरण) स्थिति-कणों के लगातार आपस में दूर-दूर जाने से तापक्रम कम होने लगा एवम हल्के कण एक दूसरे से जुड कर भारी कण बनाने लगे, जो १००० मिलियन: १ के अनुपात में बने।
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इसमें पदार्थ के बहुत गाढ़े घोल का निरंतर मंथन होता रहता है और ऊपर से पानी बहता रहता है, जिससे हल्के कण पानी में मिलकर बह जाते हैं तथा भारी कण कुछ दूर पर एकत्र हो जाते हैं।
28.
यह एक भारी कण है और इसकी परिकल्पना राबर्त ब्राउट, फ्रैंकोइस एन्गलेर्ट, पीटर हिग्स, गेराल्ड गुराल्निक, सी आर हेगन तथा टाम कीब्ल ने १ ९ ६ ४ मे सममिती विखंण्डन के शोधपत्र मे की था।
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एक्सीलेटर और अपने चार 1, 700 से अधिक वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, छात्रों और 97 अमेरिका के 32 राज्यों और पर्टो रीको में विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं से तकनीशियनों सहित भारी कण डिटेक्टरों, का निर्माण द्वारा समर्थित विज्ञान और राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन के डो कार्यालय.
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परमाणु से छोटे इन विम्प (Weakly Interactive Massive Particles कमजोर प्रतिक्रिया वाले भारी कण) कणो मे का द्रव्यमान होता है और ये कण साधारण कणो से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा प्रतिक्रिया करते है लेकिन साधारण पदार्थ के आरपार निकल जाते है।