योजना आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के ६ ० फीसदी विश्वविद्यालयों और ८ ० फीसदी कालेजों से पास स्नातक ‘ रोजगार के लायक नहीं ' (अनइम्प्लायबल) हैं क्योंकि उनके पास न तो कोई तकनीकी कौशल है, न खुद को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त करने की भाषा दक्षता है और न ही बुनियादी सामान्य ज्ञान है.