हुआ यूँ कि जब भी वह मादा चिम्पैंजी उनके घर के पास आती, केसिना अन्दर से बचा हुआ मछलियों और जानवरों का उबला और भुना हुआ मांस, उसके पास पत्ते में रख देती, चूँकि वे विमान में पड़े नमक के उन ५-६ पैकेटों को बड़ी किफायत के साथ इस्तेमाल कर रहे थे, पकाने में न डाल वे मांस को उबल जाने के बाद उस पर हल्का नमक छिड़कते थे, इसलिए अभी भी ४ पूरे पैकेट बचे हुए थे।