वास्तु शास्त्र में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नल, बोरिंग, कुंआ, भूमिगत टंकी, भवन के ऊपर की टंकी, सेप्टिक टैंक, सीवेज, नाली, फर्श की ढलान, छत की ढलान आदि का विचार किया जाता है।
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कक्षों की स्थिति व आंतरिक संरचना पं. जय प्रकाश शर्मा (लाल धागे वाले) जल स्रोत वास्तुद्गाआस्त्र में जल की उपलब्धता सुनिद्गिचत करने के लिए नल, बोरिंग, कुआं, भूमिगत टंकी व भव के ऊपर की टंकी आदि का विचार किया जाता है।