तत्पश्चात विविध पूजन सामग्री रोली, अक्षत, सिंदूर, लाल चंदन, लाल पुष्प, धूप दीप, नैवेद्य में गुड़ गुलगुला इमरती, बूंदी, लड्डू नमकीन, भुने चने, उड़द के बड़े, धान का लावा, भूरा काला वस्त्र, कच्चा दूध, ईख का रस, तिल या सरसों के तेल के दीप आदि से विधिवत पूजन अर्चन आरती करने के पश्चात भगवान शिव का पूजन, उनकी कथा, उनके नाम, मंत्रों का जाप तथा भैरव जी की कथा श्रवण करना चाहिए।