| 21. | तथापि, केवल फलने भूर्ज पर बढ़ती निकायों माना जाता औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयुक्त हैं.
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| 22. | इसको कभी कभी श्वेत भूर्ज भी कहते हैं, क्योंकि इसकी छाल मलाई सी सफेद रंग की होती है।
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| 23. | इसको कभी कभी श्वेत भूर्ज भी कहते हैं, क्योंकि इसकी छाल मलाई सी सफेद रंग की होती है।
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| 24. | अल्बेरूनी ने लिखा है-” मध्य और उत्तरी भारत के लोग तूज़ (भूर्ज) वृक्ष की छाल पर लिखते हैं।
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| 25. | अधिकतर सन्टी झाड़ू समय जब भूर्ज पत्ते बड़े हो रहे हैं पर क्या कर रहे थे, लेकिन अभी भी एक थोड़ा चिपचिपा गंध.
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| 26. | इसे कहीं कहीं नदी भूर्ज भी कहते हैं, क्योकि यह नदी, पोखरों तथा दलदली भूमि के तटों पर बहुधा उगता हुआ पाया जाता है।
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| 27. | इसे कहीं कहीं नदी भूर्ज भी कहते हैं, क्योकि यह नदी, पोखरों तथा दलदली भूमि के तटों पर बहुधा उगता हुआ पाया जाता है।
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| 28. | मचैल गांव किश्तवाड़ से 95 किलोमीटर और गुलाबगढ़ से तीस किलोमीटर दूरी पर भूर्ज और भोट नाले के बीच में स्थित [...]
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| 29. | मचैल गांव किश्तवाड़ से 95 किलोमीटर और गुलाबगढ़ से तीस किलोमीटर दूरी पर भूर्ज और भोट नाले के बीच में स्थित अत्यंत खूबसूरत गांव हैं।
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| 30. | ठंडे इलाक़ों में भूर्ज की टहनियाँ छेदकर उसका मीठा अर्क एकत्रित किया जाता है जिसका प्रयोग खाने-पीने में और शराब बनाने के लिए किया जाता है।
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