| 21. | * भाग्य रेखा मणिबन्ध से निकलकर शनि पर्वत तक जा पहुँचे तो ऐसा जातक अत्यंत भाग्यशाली होता है।
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| 22. | मणिबन्ध की प्रथम रेखा वलयकार हो और उसमें छोटे-छोटे द्वीप हों तो व्यक्ति अपने पराक्रम से सफल होता है।
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| 23. | हृदय रेखा के मध्य से शुरु होकर मणिबन्ध तक जाने वाली सीधी रेखा को भाग्य रेखा कहते हैं (
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| 24. | मणिबन्ध में अनेक खण्ड होने से व्यक्ति कंजूस होता है तथा समाज में सामान्य श्रेणी की स्थिति होती है।
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| 25. | केन्द्रीय स्थान पर बुध था जो हाथ में त्रिशुल चिऋ और मणिबन्ध में चक्र वाले के लिए शुभ था।
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| 26. | यदि मणिबन्ध वलय के ऊपर गुणक चिन्ह हो तथा ऊध्र्व (भाग्य) रेखा पुष्ट होए तो मनुष्य अत्यन्त सौभाग्यशाली होता है।
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| 27. | जीवन रेखा हृदय रेखा के ऊपरी भाग से शुरु होकर आमतौर पर मणिबन्ध पर जाकर समाप्त हो जाती है (
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| 28. | जीवन रेखा हृदय रेखा के ऊपरी भाग से शुरु होकर आमतौर पर मणिबन्ध पर जाकर समाप्त हो जाती है.
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| 29. | मणिबन्ध से कोई रेखा चन्द्र पर्वत की ओर जाये तो व्यक्ति नौसेना या हवाई सेना में जाने का इच्छुक होता है।
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| 30. | दो मणिबन्ध चौड़े और मोटे हों तो व्यक्ति को परिवार की चिंता रहती है तथा स्थान बदलने से पैसा कमा सकता है।
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