एक दूसरी मन्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।
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एक दूसरी मन्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।
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यही भगवान विष्णु सृष्टि के आदि कर्त्ता, पालक और रुद्र रूप में संहार करने वाले हैं भगवान विष्णु ने ही वराह का रूप धारण करके पृथ्वी का उद्धार किया और मत्स्य रूप में अवतार लिया।
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मनु की कहानी: द्रविड़ देश के राजर्षि सत्यव्रत (वैवस्वत मनु) के समक्ष भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में प्रकट होकर कहा कि आज से सातवें दिन भूमि जल प्रलय के समुद्र में डूब जाएगी।
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मत्स्य (मछ्ली) के अवतार में भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।
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मत्स्य अवतार-इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली का रूप धरा और पृथ्वी के जल मग्न होने पर ऋषि-मुनियों समेत कई जीवों की रक्षा की | भगवान ने ऋषि की नाव की रक्षा की थी तथा ब्रह्मा जी ने पुनः जीवन का निर्माण किया | एक अन्य कथा अनुसार शंखासुर राक्षस जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा गया तब विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को मुक्त करके उन्हें पुनः स्थापित किया |