| 21. | 1. 3.3 मध्यम पुरुष में (आप) “हैं” अर्थ में हमेशा (अपने) “हथिन ” का प्रयोग होता है ।
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| 22. | ध्यान, चिंतन, मनन में उत्तम पुरुष और मध्यम पुरुष खुद को ही बनना पड़ता है।
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| 23. | “मा निहितार्थ अनुमति केवल मध्यम पुरुष तथा अन्य पुरुषको साथ कतिपय प्रयोगहरूमा नै सीमित लाग्छ, उदाहरणको लागि
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| 24. | मध्यम पुरुष कार्य का प्रारंभ तो कर देता है किंतु बीच में विघ्न आने पर कार्य छोड़ देता है।
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| 25. | में निहितार्थ अनुमति केवल मध्यम पुरुष तथा अन्य पुरुष के साथ कतिपय प्रयोगों में ही सीमित लगती है, उदाहरण के लिए
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| 26. | पूर्व मध्यम पुरुष एकवचन सर्वनाम था; यो अधिकांश सन्दर्भहरूमा अप्रचलित मानिन्छ, हुनत यो अझै पनि इङ्गल्याण्डको उत्तरमा कुनै बोलिहरूमा प्रयोग गरिन्छ।
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| 27. | हिन्दी में वर्तमान काल में “हो” का प्रयोग मध्यम पुरुष के “तुम” (एकवचन) या “तुमलोग” (बहुवचन) के साथ किया जाता है ।
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| 28. | इनमें ‘अपना ' और ‘आप' शब्द उत्तम, पुरुष मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के (स्वयं का) अपने आप का बोध करा रहे हैं।
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| 29. | इनमें अपना और आप शब्द उत्तम, पुरुष मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के (स्वयं का) अपने आप का बोध करा रहे हैं।
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| 30. | तुम शब्द के साथ ही मध्यम पुरुष का प्रयॊग होता है जबकि आप कहने से अन्य पुरुष का ही प्रयॊग किया जाता है।
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