इसके द्वारा नाक एवं गले की सामान्य सर्दी-जुकाम, टांसिलाइटिस, खाँसी आदि कारणों से मध्य कर्ण में संक्रमण पहुँचता है।
22.
मध्य कर्ण में उत्पन्न पूय को निकलने का रास्ता न मिलने के कारण वह कर्णपटह में विदार कर देती है।
23.
मध्य कर्ण में उत्पन्न पूय को निकलने का रास्ता न मिलने के कारण वह कर्णपटह में विदार कर देती है।
24.
इसी स्थान पर मध्य कर्ण पर स्थित मैलीयस (malleus) हड्डीी कर्णपटह के भीतर की ओर से चिपकी रहती हैं।
25.
प्रघाण की बाहरी भित्ति के अण्डाकार छिद्र (fenestra ovalis) में मध्य कर्ण की स्टैपीज़ अस्थिका की प्लेट लगी रहती है।
26.
डिफ़िसिए-सी वाइरस (एचआईवी), हीपेटाइटिस ए, या रूबेला-जैसे विषाणुओं के संक्रमणों, मध्य कर्ण के संक्रमणों, जीवाण्वीय न्यूमोनिया के साथ भी यह अवस्था जुड़ी हो
27.
यह बाह्य कर्ण एवं मध्य कर्ण के बीच बंटवारा (partition) करने वाली चौरस कोन आकार की एक पतली फाइबर्स सीट होती है।
28.
जीर्ण रूप उग्र रूप के पश्चात् हो सकता है, या वह मध्य कर्ण विद्रधि से संक्रमण के विस्तार के प्रांरभ ही से हो सकता है।
29.
जीर्ण रूप उग्र रूप के पश्चात् हो सकता है, या वह मध्य कर्ण विद्रधि से संक्रमण के विस्तार के प्रांरभ ही से हो सकता है।
30.
यह गोलाकार छिद्र मध्य कर्ण की म्यूकस मेम्ब्रेन (श्लेष्मिक झिल्ली) से बन्द रहता है तथा इसका सम्बन्ध अन्तःकर्ण की कॉक्लिया से रहता है।