बिहार के सहरसा स्थित महिषी गाँव (प्राचीन काल में इसे महिष्मा के नाम से जाना जाता था) में विश्व विख्यात दार्शनिक मंडन मिश्र का आविर्भाव हुआ था, साथ ही महामान्य आदि शंकराचार्य के पवित्र चरण भी पड़े थे।
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राष्ट्रभाषा हिंदी में एक मौलिक एवं प्रामाणिक विश्वकोश के प्रणयन की योजना हिंदी साहित्य के सर्जन में संलग्न नागरीप्रचारिणी सभा, काशी ने तत्कालीन सभापति महामान्य पं. गोविंद वल्लभ पंत की प्रेरणा से निर्मित की जो आर्थिक सहायता हेतु भारत सरकार के विचारार्थ सन् 1954 में प्रस्तुत की गई।
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हमारे हृदयच का द्वार तो हिंदी की दस्तक ही खोल सकती है और हमें पूरी आशा है कि हमारे पुरखों का देश, जहां भारतीय संस्कृति की प्रतिमूर्ति महामान्य डॉ. शंकर दयाल शर्मा और यशस्वी विद्वान महामान्य नरसिंह राव जैसे भारत के कर्णधार विद्यमान हैं वहाँ से हमें अपनी भाषायी सासंकृतिक आवश्यकताओं की पूर्ति में कभी बाधा नहीं आयेगी ।
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हमारे हृदयच का द्वार तो हिंदी की दस्तक ही खोल सकती है और हमें पूरी आशा है कि हमारे पुरखों का देश, जहां भारतीय संस्कृति की प्रतिमूर्ति महामान्य डॉ. शंकर दयाल शर्मा और यशस्वी विद्वान महामान्य नरसिंह राव जैसे भारत के कर्णधार विद्यमान हैं वहाँ से हमें अपनी भाषायी सासंकृतिक आवश्यकताओं की पूर्ति में कभी बाधा नहीं आयेगी ।
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यहाँ तक कि जब सातवीं शताब्दी ईसवी में सामाजिक, भौतिक और सांसकृतिक उन्नति ने सम्पूर्ण जगत को इकाई बना दिया तो ईश्वर ने हर देश में अलग अलग संदेष्टा भेजने का क्रम बन्द करते हुए संसार के मध्य अरब के शहर मक्का में महामान्य हज़रत मुहम्मद (ईश्वर की उन पर शान्ति हो) को संदेष्टा बनाया और उन पर ईश्वरीय संविधान के रूप में क़ुरआन का अवतरण किया।
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श्री राम कृष्ण राव जी के अनुसार एक यहूदी मनावैज्ञानिक जिसकी दृष्टि में ह. मुहम्मद (सल्ल.) ह. मुसा(अ.) से भी महान थे एक ईसाई का मत जो महामान्य मुहम्मद (सल्ल) को मान्य ईसा (अ.) से भी महान मानता है बौद्ध धर्म के आचार्य श्री माग तोग के अनुसार डा. डी. रायट के अनुसार नराशंस सबको प्रिय होगा नराशंस सवारी के रूप में ऊँटों का प्रयोगा करेगा नराशंस को परोक्ष का ज्ञान दिया जाएगा नराशंस अत्यधिक सुन्दर एवं ज्ञान के प्रसारक होंगे आप (सल्ल.)