इन तथ्यों को समझने के लिए इतिहासकारों ने घटनाक्रम इस तरह से जोड़ा कि उसमें पहले माइसीनियाई यूनानी संस्कृति फल-फूल रही थी, फिर उत्तर से डोरियाई कहलाए जाने वाले लोगों का आक्रमण हुआ जिन्होनें इस सभ्यता का अंत कर दिया।
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इन तथ्यों को समझने के लिए इतिहासकारों ने घटनाक्रम इस तरह से जोड़ा कि उसमें पहले माइसीनियाई यूनानी संस्कृति फल-फूल रही थी, फिर उत्तर से डोरियाई कहलाए जाने वाले लोगों का आक्रमण हुआ जिन्होनें इस सभ्यता का अंत कर दिया।
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आज प्रचलित यूनानी वर्णमाला का विकास यूनानी अंधकार काल के बाद हुआ, यानि माइसीनियाई सभ्यता के पतन (सी ए. 1200 ई.पू) एवं प्राचीन यूनान (यूनान) के उत्कर्ष, जो कि लगभग 800 ई. पू. में होमर के महाकाव्यों एवं 776 ई.
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आज प्रचलित यूनानी वर्णमाला का विकास यूनानी अंधकार काल के बाद हुआ, यानि माइसीनियाई सभ्यता के पतन (सी ए. 1200 ई.पू) एवं प्राचीन यूनान (यूनान) के उत्कर्ष, जो कि लगभग 800 ई. पू. में होमर के महाकाव्यों एवं 776 ई.
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माइसीनियाई युग में बर्तनों और अन्य वस्तुओं पर बहुत विस्तृत चित्रों (डिज़ाईनों) को देखा जाता था, लेकिन अंधकार युग में मिली वस्तुओं पर सादे रेखा-चित्रों को ही पाया गया, जिस से यह लगा कि एक कला-विकसित संस्कृति किसी वजह से गिरकर अविकसित हो गई।
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हमारे उद्देश्य के लिये उसे उस रूप में स्वीकार करना पर्याप्त है, जिस रूप में होमेरिक हिम (Homeric Hymn) ने उसे प्रदर्शित किया है-एक उत्तरी आक्रमणकारी-और उसका आगमन अवश्य ही माइसीनियाई तथा हेलेनियाई काल के बीच के अंधकार भरे अंतराल में हुआ होगा.
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यूनानी वर्णमाला का उदभव माइसीनियाई (Mycenaean) सभ्यता के पतन के शताब्दियों बाद एवं पूर्ववर्ती यूनानी लेखन प्रणाली, रेखीय बी (B) लिपि के अप्रयुक्त होने के बाद आठवीं सदी ई. पू. के मध्य में हुआ. रेखीय बी (B) का उद्भव रेखीय ए (A) से हुआ जो कि मिनोआई सभ्यता द्वारा विकसित थी, जिनकी भाषा यूनानी से संबंधित नहीं थी, परिणामस्वरूप मिनोआई अक्षरमाला यूनानी भाषा की ध्वनियों के लिप्यंतरण हेतु आदर्श माध्यम उपलब्ध नहीं करातीं.