मानचित्रावली मे विश्व की भौगोलिक और राजनैतिक सूचनाएँ होती हैं किन्तु विश्व के विभिन्न भागों की सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक, भाषाई जानकारियों वाले एटलस भी बनाए जाते हैं।
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घ. ऐटलस मानचित्रावली-ये मानचित्र अपेक्षाकृत बहुत छोटे पैमाने पर तैयार किए जाते हैं और दीवारी मानचित्रों की तरह ही इनमें विभिन्न प्राकृतिक तथा मानव द्वारा निर्मित निर्माणों का समावेश रहता है।
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घ. ऐटलस मानचित्रावली-ये मानचित्र अपेक्षाकृत बहुत छोटे पैमाने पर तैयार किए जाते हैं और दीवारी मानचित्रों की तरह ही इनमें विभिन्न प्राकृतिक तथा मानव द्वारा निर्मित निर्माणों का समावेश रहता है।
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घ. ऐटलस मानचित्रावली-ये मानचित्र अपेक्षाकृत बहुत छोटे पैमाने पर तैयार किए जाते हैं और दीवारी मानचित्रों की तरह ही इनमें विभिन्न प्राकृतिक तथा मानव द्वारा निर्मित निर्माणों का समावेश रहता है।
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मानचित्रावली में पर्यटन पुस्तिका, पर्यटन केंद्रों या विभिन्न स्थानों के पर्यटन विभागों के विवरण जहाँ से आसपास के पर्यटन स्थलों के विवरण और अतिथिगृहों के विवरण आसानी से मालूम हो सकें, दिशासूचक या कुतुबनुमा, विभिन्न प्रकार के आँकड़े इत्यादि होते हैं।
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मानचित्रावली में पर्यटन पुस्तिका, पर्यटन केंद्रों या विभिन्न स्थानों के पर्यटन विभागों के विवरण जहाँ से आसपास के पर्यटन स्थलों के विवरण और अतिथिगृहों के विवरण आसानी से मालूम हो सकें, दिशासूचक या कुतुबनुमा, विभिन्न प्रकार के आँकड़े इत्यादि होते हैं।
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उनका अस्तित्व सिर्फ उस राष्ट्र को मुद्रित रूप में तो बहुभाषिक देश तो घोषित करता है परन्तु व्यवहारिक पटल पर हम उन्हें यूनेस्को की खतरे की स्थिति वाली भाषों की मानचित्रावली में मरणासन्न अवस्था में देख पाने को विवश होते हैं.
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मानचित्रावली में पर्यटन पुस्तिका, पर्यटन केंद्रों या विभिन्न स्थानों के पर्यटन विभागों के विवरण जहाँ से आसपास के पर्यटन स्थलों के विवरण और अतिथिगृहों के विवरण आसानी से मालूम हो सकें, दिशासूचक या कुतुबनुमा, विभिन्न प्रकार के आँकड़े इत्यादि होते हैं।
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यह दुर्भाग्य की बात है कि जब हम जौनपुर की बात करतें हैं तो भारत की ऐतिहासिक मानचित्रावली पर इसका अंकन 1389 AD से दिखाई पड़ता है, जबकि विभिन्न संस्कृतियों की बाँकी-झांकी का साक्षी रहा यह जनपद अपनी ऐतिहासिकता को बहुत अतीत तक समेटे हुए है.
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(3) मानचित्र एवं रेखाचित्र निर्माण:-गिरि विकास अध्ययन संस्थान,शेरपा, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान,भूमिउपयोग विभाग, राजय नियोजन संस्थान,यू.पी. डेस्को, उत्तराखण्ड विकास विभाग,इपिका, इण्डो डच कॉरपोरेशन, आई सी. एम. आर. टी., उ.प्र. प्रशासनिक अकादमी व उत्तराखण्ड सेवा निधि पर्यावरण शिक्षा संस्थान के विविध अध्ययन परियोजनाओं, रिपोर्ट, पुस्तक व मानचित्रावली में मानचित्रों व रेखाचित्रों का निर्माण।