| 21. | पोखरियाल निशंक ने प्रख्यात चिंतक, एकात्म मानववाद के प्रणेता,
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| 22. | रूमानी मस्ती, नियतिवाद, प्रगतिवाद, अन्तत: मानववाद इनकी विशिष्टता है।
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| 23. | इसलिए मानववाद को इस रूप में परिभा।
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| 24. | मानववाद का ही एक अंग है नारीवाद
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| 25. | यह स्कूल एकात्म मानववाद के प्रवर्तक पं.
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| 26. | उन का एकात्म मानववाद भी मैं ने पढ़ा है।
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| 27. | वास्तव में यह उनके सार्वभौम मानववाद की दिशा है।
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| 28. | मानववाद का ही एक अंग है नारीवाद
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| 29. | व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र, विश्व और सर्वोपरि मानववाद के
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| 30. | निश्चय ही ऐसा मानववाद वरेण्य नहीं है।
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