मार्जिन राशि नये ट्रैक्टरों हेतु फार्म मशीनीकरण के संदर्भ तत्काल अदायगी ट्रैक्टरों व उपकरणों के मामले में निवेश लागत का 10 % से कम नहीं होगा।
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इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गाँवों में खादी और ग्रामोद्योग आयोग से मार्जिन राशि और बैंकों से ऋण लेकर नये ग्रामोद्योग की स्थापना कर रोजगार सृजन करना है।
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10 लाख से ऊपर तथा 25 लाख तक की परियोजनाओं के लिए मार्जिन राशि की दर-10 लाख रुपये का 25 प्रतिशत तथा परियोजना की बाकी लागत का 10 प्रतिशत होगा।
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जिसके लिए 10 हजार रुपए की मार्जिन राशि सरकार भरेगी, कर्ज पर दस हजार रुपए की छूट मिलेगी साथ ही ब्याज पर पांच साल तक पांच फीसदी की भी छूट दी जाएगी।
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यह ऋण-संबद्ध सब्सिडी कार्यक्रम है, जिसमें सामान् य वर्ग के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत के 25 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत की सब्सिडी मार्जिन राशि प्राप् त कर सकते हैं।
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तथापि, यदि भूमि की खरीद डेयरी फार्म स्थापित करने के लिए की जाती है, तो इस लागत को परियोजना की कुल लागत के 10 तक पार्टी की मार्जिन राशि के रूप में माना जा सकता है.
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10 लाख से ऊपर तथा 25 लाख तक की परियोजनाओं के लिए मार्जिन राशि की दर-10 लाख रुपये का 30 प्रतिशत तथा परियोजना का बाकी लागत अर्थात शेष 15 लाख के लिए 10 प्रतिशत होगा।
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लघु उद्योग वॉा व जूट क्षेत्र के लिए टीयूएफ अनुकूल निर्दिष्ट मशीनरी में निवेश के लिए 5% ब्याज प्रतिपूर्ति के बदले 15% मार्जिन राशि आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी जहां अधिकतम पूँजी रु. 200 लाख होगी और अधिकतम आर्थिक सहायता की मार्जिन राशि रु.15 लाख होगी।
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लघु उद्योग वॉा व जूट क्षेत्र के लिए टीयूएफ अनुकूल निर्दिष्ट मशीनरी में निवेश के लिए 5% ब्याज प्रतिपूर्ति के बदले 15% मार्जिन राशि आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी जहां अधिकतम पूँजी रु. 200 लाख होगी और अधिकतम आर्थिक सहायता की मार्जिन राशि रु.15 लाख होगी।
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वर्ष 2011-12 के दौरान पूर्वोत् तर क्षेत्र के लिए निर्धारित मार्जिन राशि 80 करोड़ रूपये रखी गई थी लेकिन 31 मार्च 2012 तक वास् तविक वितरण एक सौ एक करोड़ रूपये यानी लक्ष् य का 126 प्रतिशत के आंकड़े तक पहुंच गया है।