| 21. | है मुसीबत में मिरी जान तुम्हें क्या मालूम
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| 22. | वहां से वो मिरी आवाज़ फिर उठाया करे
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| 23. | झुकाये सर तिरे दर पर मिरी वफ़ाएं हैं
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| 24. | जो मिरी कोताही-ए क़िसमत से मिज़हगां हो गईं
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| 25. | मिरी खुली हुई बाहों में झूल जाता है
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| 26. | बस तू मिरी आवाज़ में आवाज़ मिला दे
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| 27. | तभी तो दो पत्थर मिरी ओर आये..
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| 28. | मिरी जबींसाई थी के जबीं को चूमना उनका,
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| 29. | जकड़ी हुई हैं इनमें मिरी सारी कायनात-
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| 30. | मिरी परवाज़ की हसरत यक़ीनन ज़ोर मारेगी
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