आपटे कोश के मुताबिक मोह यानी किसी पर मुग्ध होना, जड़ होना, घबरा जाना या गलती करना आदि ।
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कोसी के प्रकोप से बचाव की योजना बनाए बिना खोखले विकास के दावों पर मुग्ध होना आत्मप्रवंचना से कम नहीं.
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आपटे कोश के मुताबिक मोह यानी किसी पर मुग्ध होना, जड़ होना, घबरा जाना या गलती करना आदि ।
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इसी तरह पुरुष शक्तिशाली है फिर भी स्त्री के बलात्कार के कारण तो देता है, हमें भी उसकी महानता पर मुग्ध होना चाहिए।
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इसी तरह पुरुष शक्तिशाली है फिर भी स्त्री के बलात्कार के कारण तो देता है, हमें भी उसकी महानता पर मुग्ध होना चाहिए।
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इस तर्ज पर गये कि, जिसकी रचना इतनी सुन्दर, वो कितना सुन्दर होगा! प्रकृति को निहारना और उस पर मुग्ध होना मेरी फितरत है ।
27.
यानी कविता वैयक्तिक है और उसका उद्देश्य समाज के बीच जाना, समाज द्वारा उसका चिंतन मनन करना नहीं बल्कि अपनी लेखनी को पुस्तक रूप में देखकर मन्त्र मुग्ध होना है.
28.
रेगिस्तान में रेत को मुट्ठी में बन्द करने की कोशिश की, हाथ में कुछ न आया तो हथेली खोल दी और हवा में घुलती रेत के रूप को देख कर मुग्ध होना सीख लिया.
29.
मन्त्र मुग्ध होना सबको अच्छा लगता है, आहत होने पर सारा परिवार परेशान हो जाता है, मोदी विरोधियो को नहीं उनके सारे कुनबे को भ्रमित कर सदा के लिये उसी दशा में रखना चाहते है।
30.
बदलते शहर का हर बिम्ब अपने घर वाले शहर जैसा घटित होता लगा और कथाकार की लेखनी पे बरबस मन मुग्ध हो उठा {वैसे इस लेखनी पे मुग्ध होना कोई नयी बात तो नहीं कि जिक्र किया जाय, फिर भी सोचा कि...