| 21. | मूत्र, मूत्रवाहिनी के माध्यम से मूत्राशय में प्रवेश करती है और मूत्रमार्ग के रास्ते से निकल जाती है.
|
| 22. | मूत्र मार्ग, छह प्रमुख अंगों-दो वृक्क (गुर्दे), दो मूत्रवाहिनी (यूरेटर), मूत्राशय और यूरिथ्रा से मिलकर बना होता है।
|
| 23. | मूत्र, मूत्रवाहिनी के माध्यम से मूत्राशय में प्रवेश करती है और मूत्रमार्ग के रास्ते से निकल जाती है.
|
| 24. | वृक्कद्रोणि तथा मूत्रवाहिनी में पैपिलोमा (papilloma), पैपिलरी कोर्सिनौमा (papillary carcinoma) तथा शल्कायकोशिका कैंसर (squamous cell cancer) होते हैं।
|
| 25. | प्रत्येक खण्ड के केंद्र में मूत्रवाहिनी की एक एकल शाखा होती है, जिसमें संग्रहण वाहिनी आकर रिक्त होती है.
|
| 26. | यह वृक्कद्रोणि, मूत्रवाहिनी तथा मूत्राशय में साधारणतया होती है, पर मूत्रतंत्र के अन्य भागों में भी हो सकती है।
|
| 27. | प्रत्येक खण्ड के केंद्र में मूत्रवाहिनी की एक एकल शाखा होती है, जिसमें संग्रहण वाहिनी आकर रिक्त होती है.
|
| 28. | यह वृक्कद्रोणि, मूत्रवाहिनी तथा मूत्राशय में साधारणतया होती है, पर मूत्रतंत्र के अन्य भागों में भी हो सकती है।
|
| 29. | प्राथमिक मूत्राशय अश्मरी विसंक्रमित मूत्र में बनती है, और प्राय: वृक्क से मूत्रवाहिनी के द्वारा मूत्राशय में आती है।
|
| 30. | आसन्न अंग चोट ; छोटी आंतों, मूत्रवाहिनी, प्लीहा, या मूत्राशय के लिए सबसे अधिक सामान् य.
|