ऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता आदि, किन्तु मुश्किल यह है कि इन सभी वस्तुओं को केवल रुपये अदा करके ही प्राप्त किया जा सकता है।
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ऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता आदि, किन्तु कठिनाई यह है कि, आज के जमाने में, वे वस्तुएँ भी केवल रुपये अदा करके प्राप्त की जा सकती हैं।
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ऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता, चिकित्सा आदि, किन्तु मुश्किल यह है कि, आज के जमाने में, वे वस्तुएँ भी केवल रुपये अदा करके प्राप्त की जा सकती हैं।
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ऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता आदि, किन्तु कठिनाई यह है कि, आज के जमाने में, वे वस्तुएँ भी केवल रुपये अदा करके प्राप्त की जा सकती हैं।
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संसार में रुपया ही सबसे बड़ा नहीं है किन्तु ऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता आदि, किन्तु मुश्किल यह है कि इन सभी वस्तुओं को केवल रुपये अदा करके ही प्रा.... छत्तीसगढ़ के दस साल दृश्य एक: * रायपुर शहर, गौरव पथ में रात का नजारा.
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समुन्द्र मंथन किया| समुद्र से आने मूल्यवान वस्तुएँ परात्प हुईं जो देव तथा दानवों ने आपस में बाट लिया| परा जब समुन्द्र से अत्यधिक भयावह कालकूट विष प्रगट हुआ तो असमय ही सृष्टी समाप्त होने का भय उत्पन्न हो गया और सभी भयभीत हो गए| हे हर तब आपने संसार रक्षार्थ विषपान कर लिया| वह विष आपके कंठ में निस्किर्य हो कर पड़ा है| विष के प्रभाव से आपका कंठ नीला पड़ गया| हे नीलकंठ आश्चर्य ही है की ये विकृति भी आपकी शोभा ही बदती है| कल्याण कार्य सुन्दर ही होता है|