कला और विज्ञान के हर क्षेत्र से सम्बन्धित मौलिक ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखे गये थे जिन में से अधिकाँश आज भी उप्लब्द्ध तथा प्रासंगिक हैं।
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इस दर्शन के दो ही मौलिक ग्रंथ आज उपलब्ध हैं-पहला छह अध्यायों वाला “ सांख्य-प्रवचन-सूत्र ” और दूसरा सत्तर कारिकाओं वाला “ सांख्यकारिका ” ।
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हिन्दू पुस्तकालय में सभी विषयों पर मौलिक ग्रंथ उप्लब्द्ध हैं किन्तु हिन्दू बने रहने के लिये किसी विशेष ग्रंथ या सभी ग्रंथों का ज्ञान होना अनिवार्य नहीं है।
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यह एक पाठ्य पुस्तक थी ज्यामिती की उस किताब की तरह एक विद्वान का लिखा मौलिक ग्रंथ नहीं था॰ बाद में लाग्रंजे और एबेल के बीजगणितीय विश्लेषण की किताबों को गैल्वा ने पढ़ा.
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यह एक पाठ्य पुस्तक थी ज्यामिती की उस किताब की तरह एक विद्वान का लिखा मौलिक ग्रंथ नहीं था॰ बाद में लाग्रंजे और एबेल के बीजगणितीय विश्लेषण की किताबों को गैल्वा ने पढ़ा.
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इन्होंने जैन न्याय पर “प्रमाणनयतत्वालोकालंकार” नामक एक मौलिक ग्रंथ का निर्माण कर उसपर “स्वाद्वादरत्नाकर” नामक महान टीका ग्रंथ की रचना की है, जो प्रमेयबाहुल्य, विचार्यगांभीर्य और भाषासौष्ठव की दृष्टि से अत्यंत उच्चकोटि का है।
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ऐसे फतवों से गिरीश मिश्र की योग्यता जाहिर होती है! पूरनचंद्र जोशी ने ' गांधी, अंबेडकर और लोहिया ' ग्रंथ को ' भारतीय सामाजिक चिंतन का एक मार्गदर्शी मौलिक ग्रंथ ' कहा है.
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रायपुर में अध्ययन के दौरान पं. माधवराव सप्रे, पं. नंदलाल दुबे जी के समर्क में आये जो इनके शिक्षक थे एवं जिन्होंनें अभिज्ञान शाकुन्तलम और उत्तर रामचरित मानस का हिन्दी में अनुवाद किया था व उद्यान मालिनी नामक मौलिक ग्रंथ भी लिखा था ।
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रायपुर में अध् ययन के दौरान पं. माधवराव सप्रे, पं. नंदलाल दुबे जी के समर्क में आये जो इनके शिक्षक थे एवं जिन् होंनें अभिज्ञान शाकुन् तलम और उत् तर रामचरित मानस का हिन् दी में अनुवाद किया था व उद्यान मालिनी नामक मौलिक ग्रंथ भी लिखा था ।