यूनानी लोग बीजगणित के अनेक कठिन प्रश्नों को हल करने की योग्यता तो रखते थे, परंतु उनके सभी हल ज्यामितीय होते थे।
22.
प्राचीन यूनानी लोग ईसापूर्व १ ५ ०० इस्वी के आसपास इस द्वीप पर आए जहाँ पहले से आदिम लोग रहा करते थे ।
23.
प्राचीनकाल में यूनानी लोग कृष्ण सागर को ही इस नाम से पुकारा करते थे, इसलिए 'पोंटिक-कैस्पियाई' का अर्थ 'कृष्ण सागर से कैस्पियन सागर तक' है।
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प्रचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे-तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि ।
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प्रचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे-तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि ।
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प्रचीन यूनानी लोग इस द्वीप से अन्य कई क्षेत्रों में गए जहाँ वे आज भी अल्पसंख्यक के रूप में मौज़ूद है, जैसे-तुर्की, मिस्र, पश्चिमी यूरोप इत्यादि ।
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इसीलिए प्राचीन काल में यूनानी लोग मृतकों को दफन करते समय उनके मुँह में चाँदी का सिक्का रख दिया करते थे ताकि दिवंगत आत्मा कैरन को किराया अदा करके सकुशल परलोक पहुँच जाए।
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आयोनिया और बाद में इटली, जहाँ उस समय यूनानी लोग बसे हुए थे, वहाँ के पाइथागोरस (582-496 ई.पू.) संभवतः थेल्स के एक छात्र थे और उन्होंने बेबीलोन एवं इजिप्त (मिस्र) की यात्रा की थी.
29.
खैबरघाट से कौन-कौन लोग आये और गये, बैक्ट्रिया के यूनानी लोग किस रास्ते से आये और कर्नल यंगहसबंड वहां से चित्राल की चढ़ाई पर कैसे गया-आदि सारा इतिहास ये दो नदियां बता सकती हैं।
30.
“एगोरा” शब्द का मतलब है वह स्थान जहाँ प्राचीन यूनानी लोग एक जगह जमा होते थे और शहर के मुद्दों पर चर्चा करते थे, इसलिए यह मूल रूप से किसी या सभी सार्वजनिक स्थलों पर लागू होता है;