| 21. | पराशर जी ने लिखा है-नौरन्ध्रे सूर्य, चंद्र अर्थात सूर्य चंद्र को रन्ध्र दोष नहीं है।
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| 22. | तथा एजे-लिक एसिड पोर्स (चमड़ी के रन्ध्र) के अन्दर जाकर बेक्टीरिया को मारता है.
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| 23. | सिर के उस भाग में, जो ग्रीवा से मिलता है, एक बड़ा रन्ध्र होता है जो पश्चकपाल छिद्र (आक्सिपिटैल फ़ोरामेन
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| 24. | आठवाँ भाव: अष्टम भाव रन्ध्र, आयु, रण, विनाश, शूल आदि के नाम से जाना जाता है।
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| 25. | अन्तराकशेरुक रन्ध्र (इंटरवर्टिब्रल फ़ोरामेन): पेडीकल्स की ऊपरी सतह पर एक छोटी खाँच और निचली सतह पर एक गहरी खाँच होती है।
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| 26. | लोगों के नेत्र कान नाक आदि नौ द्वारों तथा तालु रन्ध्र से भी जीवात्मा अंतिम गति के अनुसार बाहर जाता है ।
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| 27. | सिर के उस भाग में, जो ग्रीवा से मिलता है, एक बड़ा रन्ध्र होता है जो पश्चकपाल छिद्र (आक्सिपिटैल फ़ोरामेन Occipital foramen)
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| 28. | इस बाँसुरी में मुख्य रन्ध्र केभीतर बाईं ओर लगभग एक इंच छोड़कर एक कार्क लगा होता है जोकि बाईं ओर हवाजाने से रोकता है.
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| 29. | 2. टांका-फोड़ा-इस तरह का फोड़ा टांका या रन्ध्र के आस-पास हो जाता है तथा इसमें बहुत तेज दर्द तथा जलन होती है।
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| 30. | जड़ दिया गया हो, तृतीय रन्ध्र पर इस प्रकार स्थापित करें जिससे दाहिने स्तंभ पर लगी ३ घिर्री-डोरी के संयोजन के द्वारा घुमाया जा सके।
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