फिर उन्होंने मिंटी तेजपाल से संपर्क किया, जो तहलका के पूर्व मुख्य संपादक तरुण तेजपाल के भाई हैं, उनको रब्बी का संगीत पसंद आया और उन्होंने रब्बी को अनुबंध का प्रस्ताव रखा.
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रब्बी का गाया “बुल्ला की जाणा मैं कौण”-इस गाने के बाद मैंने रब्बी की एक और एँल्बम भी खरीदी थी जो मुझे अच्छी भी लगी थी, लेकिन अब सोचने पर भी उसके गीत याद नहीं आते.
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2. रब्बी का गाया “बुल्ला की जाणा मैं कौण”-इस गाने के बाद मैंने रब्बी की एक और एँल्बम भी खरीदी थी जो मुझे अच्छी भी लगी थी, लेकिन अब सोचने पर भी उसके गीत याद नहीं आते.
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2. रब्बी का गाया “ बुल्ला की जाणा मैं कौण ”-इस गाने के बाद मैंने रब्बी की एक और एँल्बम भी खरीदी थी जो मुझे अच्छी भी लगी थी, लेकिन अब सोचने पर भी उसके गीत याद नहीं आते.
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पंकज मालिक का गीत “तेरे मंदिर का हूँ दीपक जल रहा”. २. उस्ताद बड़े गुलाम अली खान का “याद पिया की आए”.३. मुकेश का एक गैरफिल्मी गीत है, “तुम आज हँसते हो, हंस लो मुझपर”.४. फ्यूज़न का “मोरा सैंया मो से बोले ना”.५. रब्बी का एक और गीत है, “इक कुड़ी, ज़िंदा नाम मोहब्बत...”लिंक लगाना मुश्किल है, आप इन्हें यूट्यूब में खोज सकते हैं.प्रत्युत्तर देंहटाएं