| 21. | १० किलोग्राम बीज को मसूर के एक पैकेट २०० ग्राम राइजोबियम कल्चर से उपचारित करके बोना चाहियें।
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| 22. | इसके बाद बीज को 5 ग्राम राइजोबियम कल्चर एवं 5 ग्राम पी. एस.बी. क्ल्चर से उपचारित कर बोना चाहिये।
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| 23. | जीवाणु खाद राइजोबियम तथा पी. एच.बी. के साथ 2.5 टन प्रति हेक्टर कम्पोस्ट खाद का उपयोग लाभप्रद होता है।
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| 24. | बीज शोधन करने के पश्चात बीजों को एक बोरे पर फैलाकर मूंग को विशिष्ट राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें।
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| 25. | दलहनी फसलों की जड़ों में गांठें (रुट नोड्यूल्स) पाई जातीं हैं जिनमें राइजोबियम जीवाणु पाये जाते हैं।
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| 26. | फिर इस घोल में २ ५ ० ग्राम राइजोबियम कल्चर जिससे बीज के ऊपर एक हल्की पर्त बन जाय।
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| 27. | कोली से वियुक्त करके राइजोबियम जीवाणु में पुनः स्थापित कर दिया जाता हैजहां वह वैज्ञानिकों की इच्छानुसार कार्य करता है.
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| 28. | पारद फफूंदनाशक इसके लिये काफी प्रभावकारी है, परन्तु सोयाबीनके राइजोबियम पर इका विपरीत प्रभाव होने के कारण कैप्टान अथवा थीरम से०.
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| 29. | अंतिम बार पलटने के समय जैव उर्वरक जैसे राइजोबियम (दलहन फसलों के लिए), पीएसबी, एजोटोबैक्टर एजोस्पाइरिलम आदि खाद में मिश्रित करें।
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| 30. | इस शोधन के ५-६ घन्टे बाद बोने से पहले बीज को मूंगफली के विशिष्ट राइजोबियम कल्चर से उपचारित करे।
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