दसमत कैना इस कथा गीत के अनुसार एक राजपुत्री है जो एक गरीब उड़िया सुदन बिहइया से ब्याह दी गई थी अत:
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इस भांति मेरे अनेक जन्मों के पातक उस कुंड के प्रभाव से नष्ट हो जात भये और पुण्योदय होकर मैंने राजपुत्री का जन्म पाया।
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जिसमें एक राजपुत्री से विश् वसेन उत्पन्न हुए, जिनके नामानुसार विश् वेन शब्द प्रचलित हुआ, जो विशेन कुल के प्रथम पुरुष थे।
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कंचुकीः अपने सम्बन्धी के राज्य में आकर जितनी मुझे प्रसन्नता हो रही है, राजपुत्री का स्मरण करके उससे भी अधिक मुझे विषाद हो रहा है।
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कंचुकीः अपने सम्बन्धी के राज्य में आकर जितनी मुझे प्रसन्नता हो रही है, राजपुत्री का स्मरण करके उससे भी अधिक मुझे विषाद हो रहा है।
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जिस पल कुंती के स्पर्श की परिधि से वह नौका विलग हुई होगी, कुंती ने अपने राजपुत्री होने का दंश अपने सम्पूर्ण अस्तित्व पर अनुभव किया होगा.....
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इधर यौगन्धरायन वासवदत्ता को साथ लेकर परिव्राजक के वेश में मगध राजपुत्री पद्मावती के पास पहुँच गए और प्रच्छन्न वासवदत्ता (अवन्तिका) को पद्मावती के पास धरोहर के रूप में रख दिया।
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इधर यौगन्धरायन वासवदत्ता को साथ लेकर परिव्राजक के वेश में मगध राजपुत्री पद्मावती के पास पहुँच गए और प्रच्छन्न वासवदत्ता (अवन्तिका) को पद्मावती के पास धरोहर के रूप में रख दिया।
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दसमत कैना इस कथा गीत के अनुसार एक राजपुत्री है जो एक गरीब उड़िया सुदन बिहइया से ब्याह दी गई थी अत: वह दसमत ओड़निन के नाम से जानी गई।
30.
इधर यौगन्धरायन वासवदत्ता को साथ लेकर परिव्राजक के वेश में मगध राजपुत्री पद्मावती के पास पहुँच गए और प्रच्छन्न वासवदत्ता (अवन्तिका) को पद्मावती के पास धरोहर के रूप में रख दिया।