5 अप्रैल 2008 को इस लेख की अन्तिम कड़ी छपते ही उसे रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जब वह रातू रोड़ में विस्थापन विरोधी जनविकास आन्दोलन की राज्य परिषद् की बैठक के बाद अपने घर लौट रहा था।
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यह जानकारी देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद् सदस्य डॉ उमेश चन्द्र वर्मा ने बताया कि आज क्रमिक भूख हड़ताल पर कांशीराम के नेतृत्व में महेश प्रसाद, राम विलास, मायाराम व भिखारी लाल 24 घंटे के लिए बैठे हैं।
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११] राज्य सभा और राज्य परिषदों का कार्यकाल समबन्धित लोकसभा अथवा विधानसभा के कार्यकाल जितना होगा अर्थात यदि किसी कारण से लोकसभा अथवा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त किया जाता है तो राज्य सभा अथवा राज्य परिषद् का कार्यकाल भी समाप्त माना जायेगा |
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धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए संगठन के राज्य परिषद् सदस्य निखिल कुमार झा ने कहा कि विवि प्रशासन तत्काल परीक्षा फार्म इन छात्रों का भरवाकर 28 सितम्बर से होनेवाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दे अन्यथा सोमवार से छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले जाएगें।
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इसके बाद 1937 में महिलाओ के लिए सीट आरक्षित कर दी गई और 41 महिला उम्मीदवार चुनाव में उतरी. 1938 में श्रीमती आर. बी.सुब्बाराव राज्य परिषद् में चुनी गई उसके बाद 1953 में श्री मति रेणुका राय केंद्रीय व्यवस्थापिका में प्रथम महिला सदस्य के रूप में चुनी गई.
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उन्होंने कहा “मैं राज्य परिषद् का अध्यक्ष और कमांडर-इन-चीफ न बनना चाहता हूं और न ही ये पद स्वीकार करूंगा-दुबारा कहता हूं कि न बनना चाहता हूं और न ही ये पद स्वीकार करूंगा”, उन्होंने प्रभावी ढंग से औपचारिक सार्वजनिक जीवन से अपने संन्यास की घोषणा की.
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इसके पश्चात् 1937 में महिलाओ के लिए सीट आरक्षित कर दी गई जिसके फलस्वरूप 41 महिला उम्मीदवार चुनाव में उतरी. 1938 में श्रीमती आर. बी. सुब्बाराव राज्य परिषद् में चुनी गई उसके बाद 1953 में श्री मति रेणुका राय केंद्रीय व्यवस्थापिका में प्रथम महिला सदस्य के रूप में चुनी गई.
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अखिलेश्वर कुमार, डा. आनन्द स्वरूप शर्मा, श्री बोढ़न प्रसाद सिंह एवं प्रगतिशील साहित्यकारों की साझेदारी ने इस सम्मेलन को सफलता के शिखर पर पहुँचा दियां इसी क्रम में अप्रैल 1984 में विश्वशांति के संदर्भ में प्रलेस ने बिहार राज्य परिषद् के साथ मिलकर लेखकों का एक राज्य स्तरीय सेमिनार किया, जिसके मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महासचिव श्री भीष्म साहनी थे।
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श्री राजेन्द्र राजन, डा. पी. गुप्ता, डा. अखिलेश्वर कुमार, डा. आनन्द स्वरूप शर्मा, श्री बोढ़न प्रसाद सिंह एवं प्रगतिशील साहित्यकारों की साझेदारी ने इस सम्मेलन को सफलता के शिखर पर पहुँचा दियां इसी क्रम में अप्रैल 1984 में विश्वशांति के संदर्भ में प्रलेस ने बिहार राज्य परिषद् के साथ मिलकर लेखकों का एक राज्य स्तरीय सेमिनार किया, जिसके मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महासचिव श्री भीष्म साहनी थे।
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१३] शासक दल और मुख्य विपक्षी दल को यह अधिकार होगा कि वे एकबार में अपने निर्वाचित सदस्य संख्या के २ % जितने राजनीतिकों को भी राज्य सभा अथवा राज्य परिषद् के लिए मनोनीत कर सकती है | लोकपाल और हम २२ दिसम्बर २०११ अब केवल मात्र एक तारीख न रहकर भारतीय इतिहास का एक भाग बन गया है, यह दिन अब कई मैयानो में महत्वपुर्ण बन गया है: