राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ने बीते वर्ष इंडिया एलाइव टीम को आर0टी0आई0 में जो जानकारियां दी है उनके मुताबिक प्रभावित क्षेत्र में आने वाले जिन किसानों के नाम भूमि नही है और जो भूमि का उपयोग कर अपना आजीविका संवर्धन कर रहे है उन परिवारों को मुवावजा राशि नेशनल रिहैबलीटेशन एवं रिसिटिलमेंट पालिसी 2007 व आईआरएमपी 2002 के बाबत अलग अलग दिया जाना है.
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राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक को ठोस आकार देने के लिए प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली के जल संसाधनों के ईष्टतम उपयोग के लिए वैज्ञानिक और यथार्थवादी आधार पर जल संतुलन तथा अन्य अध्ययन करने और संभाव्यता रिपोर्टें तैयार करने के लिए सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, १८६० के अधीन राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण की स्थापना एक स्वायत्त शासी सोसाइटी के रूप में जुलाई, १९८२ में की गई थी।