इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जहाज़ों के लिए गज़ा का रास्ता रोकना भी क़ानूनी था और इसी बात ने तुर्की को नाराज़ कर दिया है.
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भैया आज तो आपने कमाल ही कर दिया “ गगन हँसते हुए बोला ” अब रास्ता रोकना भूल जाएगा स्साला रमेशिया “ ” ' अरे गाली नहीं निकालते ”, महेश अपनी तारीफ़ पर ज़रा मुस्कुराया.
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असलियत यह है कि अब मोदी का रास्ता रोकना संभव नहीं है, क्योकि देश का मतदाता यह मान रहा है कि यदि मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो गुजरात जैसा विकास और सुशासन पूरे देश में आ सकेगा।
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लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अन्ना के आंदोलन के बाद सरकार आंदोलनों के लिए इंटरनेट का रास्ता रोकना चाहती हो? दुनिया जानती है कि मिस्र की क्रांति में फेसबुक ने सबसे बड़ा रोल निभाया था।
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हमें हर संभव प्रयास कर हवाओं में तैर रहे इन जहारीले कणों का रास्ता रोकना ही होगा वरना आगामी सालों में समूची दुनिया जीवन के संकट से जूझ रही होगी और तब हमारे पास करने के लिये ना तो कोई उपाय होगा ना ही वक्त!!
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कृषि समस्या को हल करने के लिये किसानों को जमीन की पक्की मालिकी देनी पड़ेगी, छोटे किसानों को सहकारी संघ बनाने को प्रेरित करना होगा, कृषि उत्पादकों के समूहों को राज्य की ओर से समर्थन दिलाना पड़ेगा और पूंजीवादी कृषि के आगे बढ़ने का रास्ता रोकना पड़ेगा।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, जौली के खिलाफ साकेत थाने में आईपीसी की धारा 341 (रास्ता रोकना), 427 (प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना),143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होना) और 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होने का भाग होना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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राजधानी में राजनीतिक एवं प्रशासनिक क्षेत्रों में इसकी अच्छी खासी प्रतिक्रिया हुई है और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मायावती, कभी उनके प्रमुख सचिव रहे और आज कांग्रेस सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया के उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य पर तेजी से उभरने के कारण बौखलाई हुई हैं और वे पुनिया का हर तरह से रास्ता रोकना चाहती हैं।
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लड़किओं को तो ऐसे घूरते हैं कि जैसे वो इनके बाप की जागीर हैं, अश्लील कमेन्ट पास करना, सीटी मारना, आँख मारना, लड़किओं का पीछा करना, उनका रास्ता रोकना जैसे दुष्कर्मों का तो जैसे इन शोहदों को लाइसेन्स मिला हुआ है और वो भी माँ-बाप ने दे रखा है कि जा ओ.... छेड़ो लड़किओं को..... कोई तुम्हे रोकने-टोकने वाला नहीं है।
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अक्सर इसे टाल दिया जाता है क्योंकि यह जुल्म करने वाले हक़ अदा करने का मिज़ाज ही कब रखते हैं, लेकिन हद तो तब हो जाती है कि जब यह जुल्म वह तबक़ा करता है जिसे रब ने ‘ हक़ व इंसाफ़ ‘ का गवाह बनने के लिए ही उठाया हो, और फिर यह रास्ता रोकना भी इबादत करने के लिए हो तो जुर्म और भी ज़्यादा संगीन हो जाता है।