“हिंदुओं के मध्य फैले रूढिगत जातिवाद और छूआछात के कारणवश खासतौर पर कथित पिछड़ी जातियों के लोग इस्लाम के साम्यभाव और भाईचारे की ओर आकृष्ट हुए और स्वेच्छापूर्वक इस्लाम को ग्रहण किया।”
22.
गैरजिम्मेवार शस्त्र तबदिली के कारण बढ रही गरीबी और पीडा के बावजूद भी उस पर रोक लगाने के लिए रूढिगत शस्त्र के व्यापार के प्रति कोई भी सर्वग्राही आंतरराष्ट्रीय संधि नहीं है ।
23.
कमजोर होकर चरमरा रहे नैतिक ढाँचे को सशक्त बनाने और भारतीय समाज के परम्परागत मूल्यों (यहाँ मेरा आशय रूढिगत प्रतिमानों से कदापि नही है) को फिर से स्थापित करने की आवश्यकता है.
24.
उपरोक्त के मद्देनजर आदवासियों को धर्म दस्तूर एवं अन्य रूढिगत परम्पराओं के अनुपालन में कई दिक्कतें होते रही है और दोनों व्यवस्थाओं पर जबरन कई बार टकराव से क्षेत्र में शांति व्यवस्था बिगडती रही है।
25.
उनके शब्दों में-“हिंदुओं के मध्य फैले रूढिगत जातिवाद और छूआछात के कारणवश खासतौर पर कथित पिछड़ी जातियों के लोग इस्लाम के साम्यभाव और भाईचारे की ओर आकृष्ट हुए और स्वेच्छापूर्वक इस्लाम को ग्रहण किया।”
26.
उनके शब्दों में-हिंदुओं के मध् य फैले रूढिगत जातिवाद और छूआछूत के कारण वश खासतौर पर कथित पिछड़ी जातियों के लोग इस् लाम के साम् य भाव और भाईचारे की ओर आकृष् ट हुए ।
27.
आज राजपूत समाज में इस प्रकार के नेताओं की कमी नहीं है जो समाज की सांस्कृतिक, रूढिगत राजनैतिक, आर्थिक और परिस्थिति जन्य विशेषताओं और आवश्यकतों को समझे बिना ही अपने-अपने नेतृत्व की भूख को शांत करना चाहते हैं।
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हमारे इस संकीर्ण टाइम टेबल से खुदा सबक ले तो बेहतर हो संभव है कि वह मनुष्य पर एकतरफ़ा तरस खाते हुए आगे से मनुष्यता के लिये निर्धारित समय सारिणी भी भेजे हम बंधी बंधाई रूढिगत चीजों के घोर आदि हैं
29.
क्योंकि उसके आर्थिक स्वावलंबी होने के साथ उसमे जो आत्म-विश्वास आता है वह रूढिगत विचार वाले कुछ परिजनों का अच्छा नहीं लगता. ४. कहीं परिजनों से, समाज से सुद्रढ़ता या सहारा न मिलने पर वह अपने आप को पाश्चात्य संस्कृति में ढाल रही है.
30.
यह पिछड़े मूल्यों से ग्रस्त समाज में ऐसी किसी भी पार्टी से संभव नहीं था जो संसद तक पहुंचना या उसमे बने रहना चाहती थी क्योंकि यह रूढिगत समाज के भावनाओं के खिलाफ था, भले ही वह अलोकतांत्रिक था और वोट की राजनीति इन्हीं भावनाओं के आधार पर होनी थी.