-घृतकुमारी के रस, तुलसी के पत्ते के रस, पान के पत्ते का रस, ताजे गिलोय के पंचांग का रस, सेब का सिरका एवं लहसुन की कली इन सबको समान मात्रा में उबालकर एक चौथाई शहद के साथ उबाल लें और नियमित एक चम्मच खाली पेट लें, आपको हृदय रोगों से बचाव सहित रोगजन्य स्थितियों में हृदय को मजबूती प्रदान करने वाला अनुभूत योग है, यह, आप प्रयोग करें और हृदय रोगों से बचे रहें।