| 21. | यदि शनि रोग कारक हो तथा जातक को रोगों ने घेर लिया हो, तो यह उपाय करें।
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| 22. | इन रोग कारक ग्रहों की दशा एवं दशाकाल में प्रतिकूल गोचर रहने पर रोग की उत्पत्ति होती है।
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| 23. | जून का भविष्य मिथुन राशि में शनि की दृष्टि, क्रोध, तनाव और रोग कारक बन रही है।
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| 24. | गृह क द्वार प्रमाण से अधिक लम्बे हो तो रोग कारक तथा छोटे हो तो धन नाशक होते है ।
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| 25. | शिशु जन्म प्रसंग में पिता रोग कारक भूत-प्रेत से कहता है कि तुम लोग मेरे पुत्र को रोगादि पीड़ा मत पहुंचाओ।
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| 26. | अगर अंतर्दशा ठीक हो और दशा रोग कारक हो, तो रोग हो कर ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
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| 27. | चाय की कम से कम 200 ग्राम पŸाी 18 बुधवार दान करने से रोग कारक अनिष्टकारी राहु स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
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| 28. | 3, 6 हो तो रोग कारक समझना चाहिये नगर शुभ न होतो जिस मौहल्ले में गृह निमार्ण करना हो वह शुभ होना चाहिये।
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| 29. | बृहस्पति का छठे भाव से संबंध होने पर जातक को मीठे पदार्थों से परहेज रखना चाहिए क्योंकि ये पदार्थ रोग कारक होते हंै।
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| 30. | यदि केतु रोग कारक हो तो रोग ग्रस्त जातक स्वयं अपने हाथों से कम से कम 7 बुधवार भिक्षुकों को हलुआ वितरण करे तो लाभ होगा।
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