प्रसिद्ध लोककलाओं में सुजनी (कपडे की कई तहों पर रंगीन धागों से डिजाईन बनाना), सिक्की (खर एवं घास से बनाई गई कलात्मक डिजाईन वाली उपयोगी वस्तु) तथा लकड़ी पर नक्काशी का काम शामिल है।
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प्रसिद्ध लोककलाओं में सुजनी (कपडे की कई तहों पर रंगीन धागों से डिजाईन बनाना), सिक्की (खर एवं घास से बनाई गई कलात्मक डिजाईन वाली उपयोगी वस्तु) तथा लकड़ी पर नक्काशी का काम शामिल है।
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शाम की कक्षाओं में लकड़ी पर नक्काशी करना सीखने वाले परमार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि मैंने डायना की पुण्यतिथि के अवसर पर खरबूजे पर उनके चित्र की नक्काशी करने का फैसला किया।
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प्रसिद्ध लोककलाओं में सुजनी (कपडे की कई तहों पर रंगीन धागों से डिजाईन बनाना), सिक्की-मौनी (खर एवं घास से बनाई गई कलात्मक डिजाईन वाली उपयोगी वस्तु) तथा लकड़ी पर नक्काशी का काम शामिल है।
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लकड़ी पर नक्काशी के लिए महादेव मंदिर कटिनामकुलम, श्री महादेव मंदिर कवियूर, नरसिम्हा मंदिर चथन्कुलन्गरा, श्री वल्लभ मंदिर तिरूवल्ला, श्री राम मंदिर त्रिप्रायर और कृष्ण मंदिर त्रिचम्बरम आदि विख्यात हैं।
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प्रसिद्ध लोककलाओं में सुजनी (कपडे की कई तहों पर रंगीन धागों से डिजाईन बनाना), सिक्की-मौनी (खर एवं घास से बनाई गई कलात्मक डिजाईन वाली उपयोगी वस्तु) तथा लकड़ी पर नक्काशी का काम शामिल है।
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लकड़ी पर नक्काशी के लिए संत थॉमस चर्च मुलन्थुरूथी, चेरिपल्लि चर्च कदुथुरूथी, कोराट्टी और इरिन्जलाकुडा के कुछ चर्च, संत जॉर्ज चर्च, इडाप्पल्ली, और ऑल सेंट चर्च उदयमपेरूर आदि विख्यात हैं।
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लकड़ी पर हाथी के दांत और ऊंट की हड्डी तथा चांदी आदि धातुओं को पीट कर किया गया सूक्ष्म कार्य अर्थात ख़ातमकारी और लकड़ी पर नक्काशी जैसे कार्य भी फ़ार्स प्रांत के विभिन्न नगरों में प्रचलित हैं।
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प्रसिद्ध लोककलाओं में सुजनी (कपडे की कई तहों पर रंगीन धागों से डिजाईन बनाना), सिक्की-मौनी (खर एवं घास से बनाई गई कलात्मक डिजाईन वाली उपयोगी वस्तु) तथा लकड़ी पर नक्काशी का काम शामिल है।
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प्रसिद्ध लोककलाओं में सुजनी (कपडे की कई तहों पर रंगीन धागों से डिजाईन बनाना), सिक्की (खर एवं घास से बनाई गई कलात्मक डिजाईन वाली उपयोगी वस्तु) तथा लकड़ी पर नक्काशी का काम शामिल है।