तुम इस अरसे में कहाँ-कहाँ और किस तरह रहे? कमरुज्जमाँ ने लज्जित हो कर चुपचाप देश छोड़ने पर पिता से क्षमा याचना की और फिर उसे अपना, बदौरा का और बेटों का पूरा हाल बताया।
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उन्होंने अत्यंत शांत भाव से पूछा-' मोहिका हससि, कि कोहरहि? ' अर्थात् तू मुझ पर हँसा या उस कुम्हार (गढ़नेवाले ईश्वर) पर? इस पर शेरशाह ने लज्जित हो कर क्षमा माँगी।
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किसी कारण उनकी शक्तियों का ह्रास हो गया तथा लज्जित हो कर उन्होंने श्राप दे दिया जिससे वृद्ध-युवा, मूर्ख-विद्वान, सब के सब समान रूप से मरने लगे, यहाँ तक कि सम्पूर्ण जनपद का नाश हो गया ” ।