| 21. | लला नई नारि बनाई, ब्रज में हरि होरी मचाई।।
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| 22. | खेलन आये होरी लला, वृषभान लली संग
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| 23. | नैन नचाइ, कही मुसकाइ, लला फिर आइयौ खेलन होरी।
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| 24. | अघाने नहीं दिन ही में लला पुनि घात लगाई।
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| 25. | ” चाँद सा लला आवेगा झोली में
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| 26. | राम लला प्रागट्य की, पावन भूमि सुरम्य.
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| 27. | रंग भरयौ मुस्कात लला निकस्यौ कल कुंज
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| 28. | नैन नचाई कहौ मुस्काई, आइयो लला फिर खेलन होरी।।
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| 29. | रंगें चीर रघुनाथ लला का, करें हास-परिहास.
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| 30. | राम लला के नाम पर खूब खा लिया माल.
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