दरअसल, जैसा कि कोटोविच लिखते हैं, उनका ध्यान उसी सम्मेलन में रिचर्ड ब्रिकनर द्वारा प्रस्तुत एक केस ने आकर्षित किया था जिसमें एक रोगी के ललाट खंड को काटा गया था और प्रभाव कम होने के अनुभव के दौरान उसकी बुद्धि में किसी प्रकार की गिरावट नहीं पाई गई.
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[41] दरअसल, जैसा कि कोटोविच लिखते हैं, उनका ध्यान उसी सम्मेलन में रिचर्ड ब्रिकनर द्वारा प्रस्तुत एक केस ने आकर्षित किया था जिसमें एक रोगी के ललाट खंड को काटा गया था और प्रभाव कम होने के अनुभव के दौरान उसकी बुद्धि में किसी प्रकार की गिरावट नहीं पाई गई.