| 21. | तु लसी के सात प को पीसकर और उसका रस उबालकर पीने से एच
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| 22. | लसी वा चिकनाई दो में से एक भी हो, तो काम चल सकता है।
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| 23. | में हम कह सकते हैं-कविता करके तुलसी न लसे, कविता लसी पा
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| 24. | कुल-सी लसी जो प्रीति राम के चरित्र में तो राम-रस जग को चखाय गये तुलसी।
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| 25. | कुल-सी लसी जो प्रीति राम के चरित्र में तो राम-रस जग को चखाय गये तुलसी।
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| 26. | (२) रक्तपरीक्षा, रक्त यूरिया (blood urea), लसी विद्युत् विश्लेष्य (serum electrolytes) तथा यूरिया सकेंद्रण परीक्षा
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| 27. | कुल-सी लसी जो प्रीति राम के चरित्र में तो राम-रस जग को चखाय गये तुलसी
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| 28. | इसक एक फु ट लं बी शाखा को लेकर तु लसी क छह पय के साथ
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| 29. | यद वह भी तु लसी के सात पे और िगलोय क एक फु ट बेल को पीसकर
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| 30. | तु लसी के अनेक लाभ ओर उपयोग हें, यह कई रोगों मेँ कारगर सिद्ध हुई है।
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