| 21. | इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए लाइकोपोडियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
|
| 22. | इसके अतिरिक्त रोगी को अधिक ठण्ड महसूस होने के साथ दाईं तरफ दर्द होने पर लाइकोपोडियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
|
| 23. | सल्फर, रस-टा, मर्क्यू, हीपर, एलूमिना औषधियों के कुछ गुणों की तुलना लाइकोपोडियम औषधि से कर सकते हैं।
|
| 24. | इस प्रकार मल से सम्बन्धित लक्षणों से पीड़ित रोगी के लक्षणों को ठीक करने के लिए लाइकोपोडियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
|
| 25. | लाइकोपोडियम की 6 शक्ति का प्रयोग हर 8-8 घंटे के अंतर पर करने से कैंसर रोग में लाभ मिलता है।
|
| 26. | यदि पराश्रव्य तरंगें अति सूक्ष्म न हों तो कुंट की नली में अग्रगामी तरंगें बनाकर लाइकोपोडियम चूर्ण द्वारा उनका प्रेक्षण किया जाता है।
|
| 27. | ऐसे रोगियों के रोग को ठीक करने के लिए लाइकोपोडियम औषधि की 30 या 200 शक्ति का उपयोग करने से फायदा मिलता है।
|
| 28. | यदि पराश्रव्य तरंगें अति सूक्ष्म न हों तो कुंट की नली में अग्रगामी तरंगें बनाकर लाइकोपोडियम चूर्ण द्वारा उनका प्रेक्षण किया जाता है।
|
| 29. | प्रतिविष:-कैम्फर, कास्टि तथा पल्सा औषधि का उपयोग लाइकोपोडियम औषधि के दोषों को दूर करने के लिए किया जाता है।
|
| 30. | यदि पराश्रव्य तरंगें अति सूक्ष्म न हों तो कुंट की नली में अग्रगामी तरंगें बनाकर लाइकोपोडियम चूर्ण द्वारा उनका प्रेक्षण किया जाता है।
|