संविधान के अनुसार जब २ ६ जनवरी १ ९ ६ ५ से हिंदी को पूरी तरह लागू हो जाना था और अंग्रेजी को इस देश से विदा हो जाना था, आकाऔं को लगा कि अगर शासन की भाषा हिंदी हो गई तो हमारा वैश्ष्टिय समाप्त हो जाएगा-आम आदमी हमसे सवाल करने लगेगा और षणयंत्र रचते हुए १ ५ वर्ष के स्थान पर जब तक संसद चाहे शब्द संशोधित कर रख दिए गए ।